माँ
माँ
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माँ" की ममता सबसे प्यारी
माँ "शब्द है सबसे न्यारी,
माँ" आंगन की तुलसी
ये शब्द पुकारो तो सब दुख ले हरति,
माँ है प्यारि सी चुमन
एक ही पलमें हर कस्ट करलेती हरण,
माँ है वो भोलिसि हसीं
जिसे देखलो तो मिलजाए कायनात की हर खुशी,
माँ है खुदा का असली मूरत
जिसे पूजो तो मिलजाए जन्नत,
माँ गहरा समंदर की अनमोल मोती
जिसे सम्भालो तो होतीहै सुखधन की पाप्ति,
माँ मैं समाये पूरा ब्रम्हांड
जिसे आजतक कोई नहीं करसका पार,
माँ के जैसा कोई नहीं है
खुदा अगर सच है तो माँ "सचाई है,
कदर जो करें माँ "की
पाप धुलजाये उसकी हर जन्म की।
