माँ की गोद
माँ की गोद
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माँ जब मैं स्कूल से आता
तेरी चूड़ियों की खनक
नहीं सुनाई देती
मैं अक्सर तुझ से पूछता
माँ तू घर में क्यों नहीं
दिखाई देती
माँ कहती में दूर होकर
भी पास हूँ
मैं तो तेरा एहसास हूँ
मैं न समझ पाया
माँ तेरी बात को
मेरे अधूरे सवाल
अधूरे ही रह गए
लेकिन माँ आज भी
नहीं बताती
क्यों उसकी चूड़ियों की
खनक घर में नहीं
सुनाई देती
मैं तरसता रहा माँ तेरी
गोद में सोने को
पर पता नहीं क्यों तुझे
मेरी तन्हाई नहीं
दिखाई देती
माँ तेरी चूड़ियों की खनक
आज भी घर में
सुनाई नहीं देती
माँ कहती अब तू
बड़ा हो गया है
तुझे मेरी गोद की कोई
ज़रूरत नहीं है
मैं फिर भी पूछता
माँ तेरी चूड़ियों की
खनक घर में
नहीं सुनाई देती