कविता
कविता
1 min
312
दूर भी जाएंगे हम ये वादा रहा
दिल भी लगाएंगे हम ये वादा रहा
हकीकत में तेरे हम जो हो ना सके
ख्वाब में आएँगे हम ये वादा रहा
क्या हुआ आज सबने जो ठुकरा दिया
सबको ठुकराएँगे हम ये वादा रहा
शहरों में तो मोहब्बत टिकती नहीं
गाँव को जाएंगे हम ये वादा रहा..
सबको अपना समझ के बैठे थे हम
होश में आएँगे हम ये वादा रहा
दिल से तेरे निकल के कहीं के ना रहे
घुट के मर जाएंगे हम ये वादा रहा
