STORYMIRROR

shobhit Gupta

Others

3  

shobhit Gupta

Others

कोरोना

कोरोना

1 min
195

हर घर में यही नारा है,

कोरोना को हराना है।

इसने कैसा चक्कर चलाया,

बड़े बड़ों को घर में बैठाया,

अब इसको भी भागना है,

फिर से घूमने जाना है।

थाली से सब्जी गायब ,

मुंह से पान और मावा गायब,

महंगा दौर जमाना है,

फिर से पनीर पापड़ खाना है।

कोरोना को हराना है।।


Rate this content
Log in

More hindi poem from shobhit Gupta