कलयुग के कवि
कलयुग के कवि
1 min
440
हे कलयुग के वीर सिपाही,
रखो इतना विश्वास,
कलयुग के आप वाल्मिकी है,
आप ही तुलसीदास।
कहीं सूख ना जाये
आप के कलम की स्याही,
जागो नींद से लिख दो
जो ज्ञान आपके पास।
कलयुग के आप वाल्मिकी हो,
आप ही तुलसीदास।
लिखते जाओ अन्त समय तक,
जो बात हो खास-खास।
जहाँ से परे लिख जाओगे,
सुशील का है विश्वास,
कलयुग के आप वाल्मिकी हो,
आप ही तुलसीदास।
सब नखत साझ के डूब गये,
अब ठहरी आप पे आस,
विकसित देश बनाने को
विनती करता है दास।
कलयुग के आप वाल्मिकी हो,
आप ही तुलसीदास।