किसी दिन फिर से मिलेंगे हम सभी,आएगा वो दिन भी कभी!
किसी दिन फिर से मिलेंगे हम सभी,आएगा वो दिन भी कभी!
आज यह दूरियां,
हम सभी भाई बहनों की है मजबूरियां
पर एक दिन ऐसा भी आएगा,
जब किस्मत हमें फिर एक दूसरे से मिलाएगा
उसी खुली आसमां के नीचे,
जिसकी पनाह में हमें सुकून मिलती थी !
उसी मिट्टी पर,
जिसकी सोंधी खुशबू हमें बेकरार किया करती थी!
उसी घर में,
जहां हम सभी ने अपने मासूम बचपन बिताए थे !
उसी आंगन में,
जहां हम सभी खेला करते थे !
वही हमारा पुराना बगीचा,
वह हमारे खेत,
वह हमारी बदमाशियां और हमारा अल्लहड़पन
वह बड़ों का डांटना और उनका गुस्सा करना !
वही हमारे बीच के झगड़े,
एक दूसरे को चिढ़ाना, रुलाना और फिर मनाना
वह सभी यादें ताजा हो जायेंगी तब,
हम मिलेंगे एक दूसरे से जब,
तब हमारी आँखें होंगी नम
और होठों पर बातें होंगी कुछ कम
नम आंखों से, और सिले होठों से,
एक दूसरे के साथ होने की खुशी को
महसूस करेंगे हम
किसी दिन फिर से मिलेंगे हम सभी,
आएगा वह दिन भी कभी!
