जो तुम न होते तो
जो तुम न होते तो


कभी-कभी दिल में ख़्याल आता है
जो तुम न होते तो ये दुनिया इतनी
खूबसूरत कैसे होती
फिर याद आता है
सुबह-सुबह पेड़ों पर चहचहाते पंक्षी
और पेड़ों के ऊपर जग को रोशन
करने निकलती सूरज की लाल-लाल
किरणें
खूबसूरत नहीं तो क्या है
सावन का महीना, आम के पेड़ पर
पड़े झूले, डाली पर बैठ गुनगुनाती
कोयल, रिमझिम फुहार, नाचते मोर
खूबसूरत नहीं तो क्या है
तुम्हारे ख्यालों में डूबे हुए टूटी फूटी
टपरी पर बैठकर दो कुल्हड़ चाय पीना
खूबसूरत नहीं तो क्या है
कभी-कभी दिल में ख़्याल आता है
जो तुम न होते तो ये दुनिया इतनी
मासूम कैसे होती, फिर याद आता है
फ़्रिज से चॉकलेट चुराकर खाने के
बाद , मम्मी के डर से दूसरे कमरे
में बेड के नीचे छुपी 4 साल की नन्ही
परी का चेहरा, मासूम नहीं तो क्या है
कभी-कभी दिल में ख़्याल आता है
जो तुम न होते तो दुनिया में इतना
गुस्सा कहाँ होता
फ़िर याद आता है
पिछले बरस बड़की दीदी की शादी में
मुँह फुला कर बैठे फुफा और मामा
गुस्से के प्रतिबिंब नहीं तो क्या थे
कभी-कभी दिल में ख़्याल आता है
जो तुम न होते तो इस दुनिया में
धोखा कैसे होता
फिर याद आता है
तुम्हारी दोस्त सोनम का वो हसीं चेहरा
जिससे उसने पाँच लड़कों से टैडी बियर
लेकर ब्रेकअप किया, धोखा नहीं तो क्या है
प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों का प्लेसमेंट
के नाम पर बच्चों का एडमिशन कराना
फिर नौकरी के नाम पर ठेंगा दिखा देना
धोखा नहीं तो क्या है
कभी-कभी दिल में ख़्याल आता है
जो तुम न होते तो इस दुनिया में खुशी
कैसी होती
फिर याद आता है
दस प्रेम पत्र ठुकराने के बाद 11वां प्रपोज़ल्
स्वीकार हो जाना
खुशी नहीं तो क्या है
कभी-कभी दिल में ख़्याल आता है
जो तुम न होते तो इस दुनिया में
प्यार कैसे होता
फिर याद आता है
गिलास टूटने पर मम्मी का दो थप्पड़
मार कर रुलाना फिर आइस क्रीम दे
कर चुप कराना
प्यार नहीं तो क्या है
कभी-कभी दिल में ख्याल आता है
जो तुम न होते तो इस दुनिया में
ईर्ष्या कहाँ होती
फिर याद आता है
कठिन संघर्षों के बाद थोड़ी सी क़ामयाबी
में ही रिश्तेदारों का जल कर राख हो जाना
ईर्ष्या नहीं तो क्या है