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Hayat Shaikh

Others

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Hayat Shaikh

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जिंदगी को अपनाने का।

जिंदगी को अपनाने का।

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जिन बंदिशो से तूने आप को बांधे रखा,

जिन मुश्किलों को तूने आप में समाए रखा,

जिन लफ्जों को कभी होंठों तक आने न दिया,

जिन हालातों को कभी बयान न किया,

वक्त आ गया है उन सब को भूल जाने का,

हाथ फैला कर जिंदगी को अपनाने का ।


कई राहें आई जिंदगी के सफर में,

कई देखे मोड़ तूने जिंदगी के शहर में,

यहां गम थे, थी यहां खुशियाँ,

कई थे रिश्ते, कई मजबूरियाँ,

वक्त आ गया हैं फिर मुसकाने का,

हाथ फैला कर जिंदगी को अपनाने का ।


ये जीवन है, यहा हार-जीत तो तय है

यहां कभी मात तो कभी दो पल में शय है

ये राह हैं काटों भरी,

यहा अंगारे भी तय हैं,

वक्त आ गया है सबका हंस कर सामना कर ने का,

हाथ फैला कर जिंदगी को अपनाने का ।


ये जीवन है, यहा तकदीरें बदलती हैं पल में,

यहा लकीरें उलझती है पल में,

यहा वक्त सभी का आता है,

सब की अपनी छाप छोड़ जाता है,

वक्त आ गया है हर हार से कुछ सीखना का,

हाथ फैला कर जिंदगी को अपनाने का ।


ये जीवन है मित्र, यहा मेहनत तेरी पहचान है,

वरना कई हैं यहा जो अपनी जिम्मेदारियों अंजान हैं,

यहा दुख जिंदगी भर को है,

यहा खुशियाँ तो चंद पल है

वक्त आ गया फिर जीना सीखने का,

हाथ फैला कर जिंदगी को अपनाने का ।


यहाँ फूल हैं, हैं यहां काँटे भी,

यहां है पतझड़ और बहारें भी,

किसी के जीवन में घोर अँधेरी रात है

और किसी के जीवन में आई खुशियों की बरसात है

वक्त आ गया हैं खुशियों को गले लगाने का,

हाथ फैला कर जिंदगी को अपनाने का ।


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