जीवन एक रंगमंच
जीवन एक रंगमंच
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जीवन एक रंगमंच है।
जहाँ पर्दे पर, रोज़ कहानियाँ चलती रहती हैं।
बस चाँद सूरज ढलते रहते हैं और
किरदार बदलते रहते हैं।
साँसों की डोर न जाने कौन थामकर बैठा है ऊपर,
बिना थके जो ये धड़कने चलती रहती है।
सुख दुख के सिलसिले चलते रहते हैं बस
किरदार बदलते रहते हैं।
कोई कभी जान से प्यारा हो जाता है,
किसी पर नाराज़गी भारी होती है।
रिश्ते तो शायद दो पल के होते हैं
बस ख्वाबो में साथ जीने मरने की तैयारी होती है।
जब पर्दे पर अध्याय बदल जाते हैं तब आभास होता है शायद ,
कि ज़िंदगी रुकती नहीं किसी के लिए अपने रफ़्तार पर चलती रहती है।
कहानी में बस तुम वही रह जाते हो बाक़ी
किरदार बदलते रहते हैं।
