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Children Stories

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Children Stories

हम ने बचपन से सुना है , जब बच्चे हुआ करते थे

हम ने बचपन से सुना है , जब बच्चे हुआ करते थे

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हम ने बचपन से सुना है ,

जब बच्चे हुआ करते थे

चंदा मामा दूर के

पुड़े पकाए गुड के

आप खाओ थाली में

मुन्ने को दो प्याली में


ये कहानी लगभग सभी बच्चों को याद होगी , ये वो दिन थे जब हम अपने दिन को बेफिक्र होकर जीया करते थे ।

इस आस में कि एक दिन चंदा मामा आएंगे , हमसे मिलने के लिए ।

चांद के दीदार में सुकून छुपा होता है , हम उनसे इसी उम्मीद में बात करते थे कि वो हमें वो सारी चीज़ें देंगे जो हमें चाहिए थी।

बचपन की उस याद में ढेर सारे सपने थे , सब कुछ अच्छा लगता है , कोई चीज या कोई बात पसंद नहीं आती थी तो जाकर बोल देते थे ।

जब कोई सुनने वाला नहीं होता था तो होते थे वो " दूर के चंदा मामा"।

वो होते थे, जो हमें सुनते थे , हम से हमारी शिकायतें लेकर हमें खुशियां देते थे ।

हमारा सारा गुस्सा अपने अंदर समा कर हमारे अंदर जीने की नई उमंग जगा देते थे ।

मगर अब ऐसा कुछ नहीं होता , चंदा मामा तो वहीं पर हैं , मगर हम बदल गए हैं।

अब हम उनसे बातें नहीं करते और न ही उन्हें अपनी परेशानियां , अपने दुख बताते हैं । अब हम अकेले रहना पसंद करते हैं , हम सबने अब उनसे दूरी बना ली है ।

हम उनसे अब अलग हो गए हैं बिना उनके बारे में सोचे

हम कभी नही समझ सके चंदा मामा का दर्द , वो दुख जो उन्हें हम से बिछड़ने पर हुआ होगा ।

चलो वापिस चलते हैं उन दिनों में , जहां उनका होना हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण बात थी ।

जब वो हमारे ख़ास थे , हमारे "दूर के चंदा मामा "।

हम आपके वही बच्चे हैं जो पहले हुआ करते थे , उन्हें एहसास दिलाते हैं कि हम उन्हें नहीं भूले हैं।


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