हम चार
हम चार
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भाई बहन से बढ़कर थे दोस्त चार,
हमेशा खेलते थे साथ,
कभी रूठे तो कभी मनाया देकर टॉफी, चॉकलेट का प्यार,
वो सब यार याद आते हैं बार- बार।
वो जो कभी लगी थी चोट,
डरे थे घरवालो को बताने से हाल,
उपचार किया साथ ही हमने,
याद आते हैं वो डॉक्टर चार।
जब कभी हुई बड़ो में तकरार,
मना किया हमे खेलने से साथ,
हम भी कहाँ मानने वालों में से थे,
छुप-छुप कर खेलने जाते थे,
बाद में बड़ो की डांट से डर जाते थे,
याद आते हैं वो पल बार-बार ,
कहाँ गए वो मेरे यार चार।।
