गणेश वंदना
गणेश वंदना
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हे एकाक्षर! हे एकदंत!
तुम गजानन, तुम गजवक्र।
हे गणाध्यक्ष! हे गणपति!
तुम प्रथमेश्वर, तुम गजवक्त्र:।।
रक्षा तुम करते ,विघ्नों को हरते,
शाश्वत आनंद तुम सदा हो देते।
हे सर्वसिद्धान्त! हे सर्वात्मन!
तुम ओमकार, तुम शशिवरणं।।
तुम प्रथम पूज्य, तुम धूम्रवर्ण,
हे गौरिसुत! हे लंबकर्ण !
तुम सिद्धिविनायक, सिद्धिदाता,
हे विश्वमुख! हे परमपिता।।
तुम पीताम्बर, तुम सर्वात्मन,
हे मूषक वाहन! हे लंबोदर!
धन और निधि को देने वाले,
तुम उमापुत्र ,तुम सुरेश्वरम।।
