घर याद आएगा मुझे।।
घर याद आएगा मुझे।।
वो देर रात तक जागना, और सुबह देर से उठना,
देरी से उठकर फिर पापा के ताने सुनना,
पर उन्हे भूलाते हुए वह सुबह की पहली चाय
का आनंद उठाना ,
वो नाश्ते के लिए मम्मी को परेशान करना और
कभी ठीक से नाश्ता नहीं करने पर मम्मी से
डांट खाना,
वो मम्मी का 'खाने में क्या बनाना है?' इस सवाल
पर झल्ला जाना,और थोड़ा गुस्से में कुछ कह देना,
लेकिन उसके ठीक दो ही मिनट बाद यह सोचना
की ऐसे कैसे गुस्सा कर सकती हूँ मैं मम्मी पर,
कितनी बुरी हूँ मैं।
वो मम्मी के साथ बैठकर बातें करना और अंत में
यह कहकर उठना की आपके पास तो मेरे लिए
वक़्त ही नहीं है, आप मुझसे प्यार ही नहीं करते हो।
वो भाई को खूब परेशान करना और मम्मी से
फिर से डांट खाना- मत परेशान किया कर इसे,
अभी फिर दोनों लड़ लोगे
और इस बात पर फिर मम्मी से जाकर पूछना
आज तो बता ही दो कहाँ से उठा कर लाए हो
मझे?
वो जब मन करे दोस्तों से मिलने भाग जाना,
और गाड़ी में एक ही गाना बार बार चलाना,
वो मम्मी के सामने अपने खाने की फरमाइशें
जाहिर करना और अगले ही पल लाजवाब
खाने का लुफ्त उठाना,
वो बोतल में पानी भरने के लिए बार बार भाई
बहन से लड़ना और मम्मी को बोलना - पानी
तो सब पीते है फिर बोतल हर बार में क्यों भरूं?
वो कभी रात के 12 बजे तो कभी रात के 2 बजे
चाय/कॉफ़ी पीना और यह सोचना की बाद में मैं
यह सब मिस करूँगी,
वो ढेर साड़ी बातें मम्मी से बतलाना और उन्ही
बातों पर ज़ोर ज़ोर से हँसना,
वो जब मर्ज़ी भाई के साथ घूमने निकल जाना
और बोलना की आज तू पैसे देगा आज तेरी
पार्टी है,
वो भाई बहन का बार बार पूछना - तू वापिस
कब जा रही है? और इसी बात पर चिढ़ कर
बोलना की सैटरडे को ही जा रही हूँ क्यों की
जल्दी निकलना था यहाँ से,
लेकिन मन ही मन यह सोचना की कही जाते
जाते मैं रो न दूँ,
यह सारी बातें यह सारी यादें एक एक करके
याद आएँगी मुझे, खूब रुलाएगी मुझे
जब चली जाउंगी में घर से दूर, घर याद
आएगा मुझे।।
और अंत में उन आँसू को रोकने की लाख
कोशिशों के बावजूद, छुप छुप कर रो ही
देना,क्यों की,
घर याद आएगा मुझे, बहुत याद आएगी मझे।।