Yogesh Rane

Others

5.0  

Yogesh Rane

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एक सपना

एक सपना

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देखता हूँ स्कूल की युनिफॉर्म पे सजा बस्ता

दिल करता है चल पडूं स्कूल का रास्ता


पढ़ाई की बोझ से खफा होने वाले

कैसे समझोगे जिम्मेदारी के बोझ से पड़े छाले


एक वक्त की रोटी पाने के लिये

उठाने पड़े कितने भारी बॉक्स

यूँ ही मुफ्त में नसीब ना होता मुझे

माँ ने प्यार से बनाया है लंच बॉक्स


ना जाने कब खड़ा रहकर

सीखूंगा स्कूल में किस्सा

जब रोज नसीब में होता है सेठ की

बेतहाशा गलियां और गुस्सा


पर यकीन है मुझे

एक दिन जरूर स्कूल जाऊंगा

अंगूठे की जगह मेरी कलम चलेगी

पढ़ लिखकर इज्जत की जिंदगी गुजारुंगा


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