एक सपना
एक सपना

1 min

202
देखता हूँ स्कूल की युनिफॉर्म पे सजा बस्ता
दिल करता है चल पडूं स्कूल का रास्ता
पढ़ाई की बोझ से खफा होने वाले
कैसे समझोगे जिम्मेदारी के बोझ से पड़े छाले
एक वक्त की रोटी पाने के लिये
उठाने पड़े कितने भारी बॉक्स
यूँ ही मुफ्त में नसीब ना होता मुझे
माँ ने प्यार से बनाया है लंच बॉक्स
ना जाने कब खड़ा रहकर
सीखूंगा स्कूल में किस्सा
जब रोज नसीब में होता है सेठ की
बेतहाशा गलियां और गुस्सा
पर यकीन है मुझे
एक दिन जरूर स्कूल जाऊंगा
अंगूठे की जगह मेरी कलम चलेगी
पढ़ लिखकर इज्जत की जिंदगी गुजारुंगा