STORYMIRROR

Chaudhary Yadav

Others

2  

Chaudhary Yadav

Others

एक दिल

एक दिल

1 min
187

अक्सर कुछ बातें खुद से ही मैं करता हूँ

सवाल जवाब के तूफानों में खुद से ही मैं लड़ता हूँ

खामोशी भरे सन्नाटे में मन का शोर सुनता हूँ

रातें तो सो जाती हैं मुझ में लेकिन मैं रातों में जागता हूँ


भय था जिनका कल तक अब उन ज़ख्मों पे हँसता हूँ

काँटे भरे रास्ते अब खुद ही चुनता हूँ

ये क्या कम है, पत्थर की इस दुनिया में 'एक दिल' लिए फिरता हूँ

अक्सर कुछ बातें खुद से ही मैं करता हूँ


Rate this content
Log in

More hindi poem from Chaudhary Yadav