दर्द
दर्द
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हर दर्द मेरा तुम्हें दे दूं कैसे
मैंने जैसे समझा है इसे क्या तू समझेगा वैसे??
जो मुझे ज्यादा दुखा
क्या तुम्हें दुखेगा वैसे??
जो कम नहीं कर सका कोई
फिर आप मिटा पाओगे कैसे??
जिससे मुश्किल से उबरे है जैसे- तैसे
फिर उसे ही खोदे कैसे??
जो जहां पड़ा है पड़ा रहने दो वैसे का वैसे
अब हमारे दर्द को तन्हा ही रहने दो ऐसे का ऐसे।
तन्हाइयां नहीं डराती है मेरे दर्द को वैसे
नहीं चाहिए मेरे दर्द को सहारे न पैसे।
