जिसकी बंज़र ज़मीन पर इंसानियत की हरी घासें जहाँ-तहाँ उगी हुई हैं जिसकी बंज़र ज़मीन पर इंसानियत की हरी घासें जहाँ-तहाँ उगी हुई हैं