STORYMIRROR

अनुरोध श्रीवास्तव

Others

2  

अनुरोध श्रीवास्तव

Others

बचपन

बचपन

1 min
195

न दौलत की ख्वाहिश

न पैसों की चिन्ता

लगती भली दादी माँ की कहानी

वो मोटी सी रोटी पे गुड की डली

बडा मीठा लगता सुराही का पानी।

गरमी की छुट्टी में बागों में जाना

वो अमिया, वो इमली औ नींबू को खाना

बडा अच्छा लगता था कच्चा वो आँवला

वो भूनें चने खाकर पी लेना पानी ।

वो खीरा, वो ककडी, वो गन्ने के खेत

वो छोटकू वो मुरली से संगी औ साथी

वो लोहे का छल्ला वो मिट्टी का हाथी

ठंढक में खेतों में अग्नि जलाना

बर्षा में भूनकर भुट्टे को खाना

क्या गरमी के दिन थे, क्या शामें सुहानी।

मिट्टी की छोटी गोलियाँ बनाना

मिट्टी के पहिये बनाकर चलाना

साइकिल के टायर, वो छुकछुक सी गाडी

मिट्टी की सोंधी बू, बारिश की खुशबू

बरसते हुए पानी में नहाना

ऐ बचपन काश, फिर से तू आना।




Rate this content
Log in