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Manju Singh

Others

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Manju Singh

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अर्पण - एक आशीष

अर्पण - एक आशीष

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चांदी के पालना मे सोएगा ललना, 

देखो ओ चंदा मामा 

नींद की सवारी मे आएगा जब वो, 

देना तुम प्यारी सी थपकियां।


सोयेगा ललना गोद मे तुम्हारे,  

देना तुम आशीष न्यारे - न्यारे,

बड़ा हो, सच्चा हो, 

सुन्दर हो, अच्छा हो, 

दे दो आशीष ये सारे 

चांदी के पालना मे सोएगा ललना, 

देखो ओ चंदा मामा।


खेलेगा जब वो छुपा - छुपी तारों संग, 

चांदनी मे अपने छुपा लेना, 

हंसेगा, खेलेगा, चंदनिया मे चमकेगा,

खुशियों से उसे तुम भर देना

चांदी के पालना मे सोएगा ललना 

देखो ओ चंदा मामा।


रात की अंधियारे मे 

चंदनिया जैसे चमके, 

ललना मेरा यूहीं चमके, 

यशस्वी हो, प्रतापी हो,

निडर और साहसी हो , 

माता और पिता का गौरव वो बन जाये 

चांदी के पालना मे सोएगा ललना 

देखो ओ चंदा मामा।


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