अर्पण - एक आशीष
अर्पण - एक आशीष
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चांदी के पालना मे सोएगा ललना,
देखो ओ चंदा मामा
नींद की सवारी मे आएगा जब वो,
देना तुम प्यारी सी थपकियां।
सोयेगा ललना गोद मे तुम्हारे,
देना तुम आशीष न्यारे - न्यारे,
बड़ा हो, सच्चा हो,
सुन्दर हो, अच्छा हो,
दे दो आशीष ये सारे
चांदी के पालना मे सोएगा ललना,
देखो ओ चंदा मामा।
खेलेगा जब वो छुपा - छुपी तारों संग,
चांदनी मे अपने छुपा लेना,
हंसेगा, खेलेगा, चंदनिया मे चमकेगा,
खुशियों से उसे तुम भर देना
चांदी के पालना मे सोएगा ललना
देखो ओ चंदा मामा।
रात की अंधियारे मे
चंदनिया जैसे चमके,
ललना मेरा यूहीं चमके,
यशस्वी हो, प्रतापी हो,
निडर और साहसी हो ,
माता और पिता का गौरव वो बन जाये
चांदी के पालना मे सोएगा ललना
देखो ओ चंदा मामा।
