दूसरों का ना सोचकर अपने लिऐ ही जिया, आज ख़ुद को अपनी नज़रों में गद्दार3 पाया। दूसरों का ना सोचकर अपने लिऐ ही जिया, आज ख़ुद को अपनी नज़रों में गद्दार3 पाया।