हमारे तो, दिल ही में दिये, इन टुकड़ों ने, घाव बना...! हमारे तो, दिल ही में दिये, इन टुकड़ों ने, घाव बना...!
बहुत हुआ ये टुकड़ो को फ़ेकना, अब ज़िन्दगी में कांच के ख्वाब सजाने हैं। बहुत हुआ ये टुकड़ो को फ़ेकना, अब ज़िन्दगी में कांच के ख्वाब सजाने हैं।