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संजय कुमार

Abstract

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संजय कुमार

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मौसम ठंडी का।

मौसम ठंडी का।

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मौसम ने ली एक अच्छी अंगड़ाई
रिमझिम करके देखो बारिश आई।

अभी खेत में है,हरे भरे धान हमारे
उसमें अटके पड़े से हैं,प्राण हमारे।

बादल जी ने क्यों, ऐसा काम किया 
किसानों का, पल में नुकसान लिया ।

लगते थे, गर्मी के दिन,कितने अच्छे
धूप निकले पर खेलते थे,सब बच्चे।


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