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तुम्हारे इंतज़ार में हाल मरुस्थल में पानी की तलाश में भटकते प्यासे सा हो जाता है! तुम्हारे इंतज़ार में हाल मरुस्थल में पानी की तलाश में भटकते प्यासे सा हो ...
कुछ ख्वाहिशें...। कुछ ख्वाहिशें...।
क्योंकि सब संभव हो सकता है...। क्योंकि सब संभव हो सकता है...।
एक पंछी का आत्मबोध...। एक पंछी का आत्मबोध...।