I'm डॉ रूपक and I love to read StoryMirror contents.
हृदय का जो कोना मेरे अधिकार में कभी नहीं रह पाया चाहकर भी वह तुम्हें अर्पित कैसे कर सकती थी. हृदय का जो कोना मेरे अधिकार में कभी नहीं रह पाया चाहकर भी वह तुम्हें अर्पित कैसे...
अपने हैं यहां जो आज अजनबी भी वही हैं। अपने हैं यहां जो आज अजनबी भी वही हैं।