कवि/ स्वतंत्र पत्रकार / कृषि समीक्षक / अंतर्राष्ट्रीय ब्राम्हण युवजन सभा पत्रिका अध्यक्ष श्री अयोध्या धाम / उत्तर प्रदेश / भारतवर्ष
नजरों से गिरा है जो चल पाना तो मुश्किल है। नजरों से गिरा है जो चल पाना तो मुश्किल है।
कुछ है पाना अगर स्वप्न सुंदर गढ़ो। सूर्य सा अपने पथ पर अकेले बढ़ो।। कुछ है पाना अगर स्वप्न सुंदर गढ़ो। सूर्य सा अपने पथ पर अकेले बढ़ो।।