मेरे विचार ही मेरी लेखनी है।
मुस्कुराहट होंटों तक आते आते आँखों से बरस पड़ी। मुस्कुराहट होंटों तक आते आते आँखों से बरस पड़ी।
अम्मा भी तो एक छायादार पेड़ ही थीं उनके जाने के बाद अब छाँव देने की बारी मेरी थी अम्मा भी तो एक छायादार पेड़ ही थीं उनके जाने के बाद अब छाँव देने की बारी मेरी थी
तुम्हारे नन्हे पौधे(बच्चे) अब व्यस्क हो चले हैं। हर रोज पानी खाद की चिंता करना जरूरी नहीं। अपना ध्या... तुम्हारे नन्हे पौधे(बच्चे) अब व्यस्क हो चले हैं। हर रोज पानी खाद की चिंता करना ज...