Writer । Storyteller । Novelist
वीरान पड़ी उसी सड़क पे अब, केवल कुछ सिपाही डंडा लिए दिखता है। वीरान पड़ी उसी सड़क पे अब, केवल कुछ सिपाही डंडा लिए दिखता है।
खत्म हो गई चाट और फुचके की वो रौनक, उसी ठेले पे अब मास्क और सैनिटाइजर बिकता है। खत्म हो गई चाट और फुचके की वो रौनक, उसी ठेले पे अब मास्क और सैनिटाइजर बिकता ह...