शून्य
बेफ़िक्री को भुलाकर, उसे अपने अंदर किसी कोने में दबाकर, बस चल रहा है वो फ़कत सांसों का साथ निभाकर। बेफ़िक्री को भुलाकर, उसे अपने अंदर किसी कोने में दबाकर, बस चल रहा है वो फ़कत सां...
साँसें कम होती जा रही है, एक लंबी साँस उधार दे दो ना। बीती बातें याद आती हैं.... बीती बातें याद आती ... साँसें कम होती जा रही है, एक लंबी साँस उधार दे दो ना। बीती बातें याद आती हैं.......