Registered Pharmacist (WBPC) शब्दों के आसमान में उड़ता परिंदा होना चाहते हैं, बेशक कुछ ख़्वाब मारे गए है मेरे पर कोरे कागज़ पे उतार कर हर दर्द अपने सीने का फिर इस जहान में जिन्दा होना चाहते हैं! --- रानी साह ✍
Share with friendsउसके जाने के बाद..!! उस मोड़ पर इंतेज़ार और उसको पहले के तरह प्यार करना मुश्किल है..!! -- रानी साह ✍️✍️
अपना हाल ए दिल हर किसी के सामने खोल कर मत रखिये ज़िंदगी है ज़नाब कोई कमरे की खिड़की नहीं..! 👇👇 खुली किताब के पन्ने ज्यादा पलटे जाते हैं, बंद किताबों के पन्ने अक्सर महफूज़ रह जाते हैं। जिस प्रकार किसी को पूरी तरह तोड़ दे ऐसा कोई दर्द नहीं होता ठीक उसी प्रकार इस दुनिया में हर व्यक्ति हमदर्द नहीं होता।।
ज़िंदगी की जंग में काग़ज़ के मैदान पर कलम के सिपाही बन कर तन गए..! और लोग कहते है - "आप तो शायर बन गए"। ©® - रानी साह✍️✍️
रंगो से भरी ये दुनिया हैं, पर भेद झलकता हैं भावों में, कुछ लोग काला होते हैं विचारों से, पर बनते सफेद वो झूठे अल्फाज़ो से।
राजनीति की आग में सब अपना अपना हाथ सेक रहे हैं, जल गई कितनी जिंदगी एक अरसे से तमाशा देख रहे हैं, दो चरणों को चार पैरों पर टिकाए रखने के लिए अपना ईमान बेच रहे हैं।
_कहीं बादशाही सरेआम कहीं गुलामी से इंकार हैं,_ _ज़िंदगी के उतार चढ़ाव से कैसा तकरार हैं,_ _कहीं राहे मुश्किलों से भरा कहीं मंज़िल हौसलों से मिला,_ _बेशक हो सकता हैं झूठ का सफ़र पर कहीं सच्चाई की डगर अब भी बरकरार हैं।_
CC TV से हर तरफ निगरानी हो रही है, क्या करे जमाने में बखूबी बईमानी हो रही है, घर के बाहर और अंदर भी कैमरा लगा दिया, जमाने की तब्दीली देखो हर किसी पर से भरोसा उठा दिया, मशीनीकरण ने इतनी उपलब्धि कर ली, आज मानवता ख़तरे मे इंसानियत को धुंधली कर दी।