कवि और व्यंग्यकार । 4 व्यंग्य संग्रह , 2 कविता संग्रह प्रकाशित । देश भर के प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में विगत 25 वर्षों से लेखन
पंछी हैं वे बैठ जाते हैं किसी भी डाल पर चुग लेते हैं चॉकलेट पंछी हैं वे बैठ जाते हैं किसी भी डाल पर चुग लेते हैं चॉकलेट
अंत और तलाशते रह जाते हैं सन्देश छुपे मन्तव्यों के। अंत और तलाशते रह जाते हैं सन्देश छुपे मन्तव्यों के।