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रण के रणबाँकुर ज़ोर लगा हिम्मत को अपने शीश लगा, आने दे क्षत्रु को समक्ष तू सहज युद्ध रण के रणबाँकुर ज़ोर लगा हिम्मत को अपने शीश लगा, आने दे क्षत्रु को समक्ष ...
मुझे छोड़कर तुम देर तक कभी दूर नहीं रह पाओगे। मुझे छोड़कर तुम देर तक कभी दूर नहीं रह पाओगे।