I'm Hare Prakash and I love to read StoryMirror contents.
मैं कायर था प्रिय अँधेरे से डरता था मैं कायर था प्रिय अँधेरे से डरता था
मुझे तो निपटाने हैं काम अर्जेंट बहुत अगली बार आओ तो धूम मचाते हैं मुझे तो निपटाने हैं काम अर्जेंट बहुत अगली बार आओ तो धूम मचाते हैं
दोस्त चार हज़ार नौ सौ सतासी थे पर अकेलापन भी कम न था दोस्त चार हज़ार नौ सौ सतासी थे पर अकेलापन भी कम न था
आओ ख़याली पुलाव पकाते हैं... आओ ख़याली पुलाव पकाते हैं...
तुम्हारी आक्रामकता बढ़ती जाती है तुम्हारे भीतर एक राक्षस अट्टाहास करने लगता है तुम्हारी आक्रामकता बढ़ती जाती है तुम्हारे भीतर एक राक्षस अट्टाहास करने लगता है
एक दौर में कई दौर हैं, किसके हिस्से कौन-सा छोर आएगा, यह सवाल कौन सुलझाएगा...? एक दौर में कई दौर हैं, किसके हिस्से कौन-सा छोर आएगा, यह सवाल कौन सुलझाएगा...?
बच्चे ने गेंद के बारे में सोचते हुऐ उस दु:ख के बारे में सोचा बच्चे ने गेंद के बारे में सोचते हुऐ उस दु:ख के बारे में सोचा