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सही होते होते हर बात बिगड़ क्यों जाती हैं।। सही होते होते हर बात बिगड़ क्यों जाती हैं।।
ये जिंदगी संभलते-संभलते, अचानक बिखर क्यों जाती हैं।। ये जिंदगी संभलते-संभलते, अचानक बिखर क्यों जाती हैं।।