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आलम खुर्शीद की ग़ज़लें आलम खुर्शीद की ग़ज़लें
घर का नक्शा बिगड़ा है मनमानी से घर का नक्शा बिगड़ा है मनमानी से
सरल भाषा में मित्रों के लिए दूसरी ग़ज़ल आलम खुर्शीद सरल भाषा में मित्रों के लिए दूसरी ग़ज़ल आलम खुर्शीद