मैं एक प्रगतिशील विचारक, लेखिका हूं । मेरी विभिन्न पत्र पत्रिकाओं एवम् दैनिक समाचार पत्रों में कहानी,कविता एवं लेख प्रकाशित होते रहे हैं ।
फिर हम इंसानों को किस बात का वहम ? फिर हम इंसानों को किस बात का वहम ?
फिर सोच में इतना फर्क क्यों ? घरों से घरानों तक। फिर सोच में इतना फर्क क्यों ? घरों से घरानों तक।