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यकबयक सिमटा बदन तो यूं लगा आ रही जैसे तुझे छूकर पवन। यकबयक सिमटा बदन तो यूं लगा आ रही जैसे तुझे छूकर पवन।
जलत जिया विरहिन का, प्रमुदित, चंदा और चकोर। मधुर मिलन की ऋत बौराई, बगिया में चहुँ ओर।। जलत जिया विरहिन का, प्रमुदित, चंदा और चकोर। मधुर मिलन की ऋत बौराई, बगिया में ...