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भले चांद मुझसे बहुत दूर है , मगर रोशनी उससे पाता हूं मैं। भले चांद मुझसे बहुत दूर है , मगर रोशनी उससे पाता हूं मैं।
टेसू में आग लगी , आम वृक्ष बौराया , अब अपनी धरती में फिर से बसन्त आया। टेसू में आग लगी , आम वृक्ष बौराया , अब अपनी धरती में फिर से बसन्त आया।
अंधेरे में कुछ पल को खो जाए जब, तो फिर याद आये मुझे अपना रब, अंधेरे में कुछ पल को खो जाए जब, तो फिर याद आये मुझे अपना रब,