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सुबह की बुहारी से शुरू हुई प्रक्रिया रात गए लोरियों पर जाकर ख़त्म होती है! सुबह की बुहारी से शुरू हुई प्रक्रिया रात गए लोरियों पर जाकर ख़त्म होती है!
वो कोई अपना सा वो कोई अपना सा
किसी रात का महकता रजनीगन्धा ... अपने ही रंग की तलाश में है किसी रात का महकता रजनीगन्धा ... अपने ही रंग की तलाश में है