राष्ट्रकवि व दर्द-ए-शायर
ये रास्ते आम नहीं अकेले चलने के लिये फिर भी इरादों में कुछ ज़ोर लाया जाये , आओ दो कदम मिलकर चले सा... ये रास्ते आम नहीं अकेले चलने के लिये फिर भी इरादों में कुछ ज़ोर लाया जाये , आओ...
देश के रक्षकों को नमन करती कविता। देश के रक्षकों को नमन करती कविता।