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उस चौराहे पर बैठे हुए, तुम आकर एकदम नज़दीक, उस पगडण्डी के परे, होकर खड़े, हाथ हिलाकर मुझे, जाने के लि... उस चौराहे पर बैठे हुए, तुम आकर एकदम नज़दीक, उस पगडण्डी के परे, होकर खड़े, हाथ हिल...
कभी ख़्वाहिश था लोगों की अब मर चुका हूँ, उनकी नज़रो में एक योजित मौत उन गुनाहों के लिए, जो मैंने किये ... कभी ख़्वाहिश था लोगों की अब मर चुका हूँ, उनकी नज़रो में एक योजित मौत उन गुनाहों के...
ये एक वजह है जो हमारे अंदर अहसासों को जन्म देती है और जो कविता के रूप में बाहर निकलते हैं... ये एक वजह है जो हमारे अंदर अहसासों को जन्म देती है और जो कविता के रूप में बाहर न...
अपना बचपन अपना बचपन