10+2 Teacher in a Govt. Sr. Sec. School, Kopa, Saran, Bihar मेरी दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुई है आदर्श गीत 1और आदर्श गीत 2 लेखक एवं कवि
सोचा निकल मैं जाऊँ तेरी जिंदगी से हमदम ख्वाबों में आकर तूने, मुझे रात भर जगाया सोचा निकल मैं जाऊँ तेरी जिंदगी से हमदम ख्वाबों में आकर तूने, मुझे रात भर जगाय...
घर से बहुत दूर, परेशान बहुत हैं ऐसे हमारे देश में, इंसान बहुत हैं घर से बहुत दूर, परेशान बहुत हैं ऐसे हमारे देश में, इंसान बहुत हैं