स्याही नही दर्द लिखता हूँ... बीते लम्हे और तन्हाई से सीखता हूँ... जमाने के बदलते रंग और वसूल से कुछ खामोश आँखों का मैं दर्द लिखता हूँ..
Sometimes I had lots of emotions but my inner words are left unspoken. Sometimes I had lots of emotions but my inner words are left unspoken.