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मिटाओ अज्ञान रूपी अंधकार पाऊं मैं तुम्हारा प्यार।। मिटाओ अज्ञान रूपी अंधकार पाऊं मैं तुम्हारा प्यार।।
शीश नवाय ध्यान धरूं नमन मेरा करो स्वीकार। शीश नवाय ध्यान धरूं नमन मेरा करो स्वीकार।