कवि जैसा कुछ / कवितासंग्रह: हमिंग बर्ड / लप्रेक : लाल फ्रॉक वाली लड़की / सह-संपादन: 100कदम,गूँज,तुहिन,गुलमोहर,पगडंडियां,कस्तूरी (250 से अधिक रचनाकार शामिल) / ब्लॉग : jindagikeerahen.blogspot.com
हिंदी की बिंदी तक तो लगाने आती नहीं फिर भी घालमेल करने लगे शब्दों से हिंदी की बिंदी तक तो लगाने आती नहीं फिर भी घालमेल करने लगे शब्दों से
कल तक,हर बॉल पर बेवजह 'हाऊ इज़ देट' चिल्लाते रहने वालेये छोकरे घर से बाहर निकलते हीचाहते हैं, उनके स... कल तक,हर बॉल पर बेवजह 'हाऊ इज़ देट' चिल्लाते रहने वालेये छोकरे घर से बाहर निकलते...