गुर्जर विक्रमसिंह ( गुर्जर प्रतिहार ) करौली , राजस्थान
ना होगी कोई उलझन ना होगा कोई द्वैष तुझ पर। ना होगी कोई उलझन ना होगा कोई द्वैष तुझ पर।
बस इसलिए तो मैं आज निशब्द हूँ ......। बस इसलिए तो मैं आज निशब्द हूँ ......।