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क्या इस सब की जरूरत थी क्या यही देश की सूरत थी क्या इस सब की जरूरत थी क्या यही देश की सूरत थी
तुम अगर हक़ीकत हो तो तुम्हारी बांहों में फसाना हो तो तुम्हारी याद में एक दिन तो मर जान तुम अगर हक़ीकत हो तो तुम्हारी बांहों में फसाना हो तो तुम्हारी याद में एक दिन ...