I'm Sunita and I love to read StoryMirror contents.
मैं भी एक नन्हा प्रयास करूं प्रकृति के कण कण में उसको पाऊं। मैं भी एक नन्हा प्रयास करूं प्रकृति के कण कण में उसको पाऊं।
मेरे आंगन का वह चहल पहल आज पड़ गई है फीकी। मेरे आंगन का वह चहल पहल आज पड़ गई है फीकी।
सीखा है तुम से जमाने से लड़ जाना श्याम आज शाम को जरूर मिलना। सीखा है तुम से जमाने से लड़ जाना श्याम आज शाम को जरूर मिलना।
क्या कहूं क्या होता अगर मैं ख्वाब न देखता। क्या कहूं क्या होता अगर मैं ख्वाब न देखता।
इस जमीन से आसमान तक का सफर क्या कहूं कैसे बताऊं कि है कितना दूर ? इस जमीन से आसमान तक का सफर क्या कहूं कैसे बताऊं कि है कितना दूर ?