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पर रोक ना पाओगे, उस आवाज़ को जो दबी सी रह गई, अंतरात्मा में। पर रोक ना पाओगे, उस आवाज़ को जो दबी सी रह गई, अंतरात्मा में।
उष्मा, प्रकाश लिए वितरण को दौड़ती, बड़े मकानों, दूकानों, को बेधती, भागती धूप। मेरे हिस्से ... उष्मा, प्रकाश लिए वितरण को दौड़ती, बड़े मकानों, दूकानों, को बेधती, भागती ...