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कोहरा सा छाया हुआ हर तरफ परछाई मेरी न जाने कहाँ कहाँ फिरे बरसातो की रुत जवान यूँ ही रहे कोहरा सा छाया हुआ हर तरफ परछाई मेरी न जाने कहाँ कहाँ फिरे बरसातो की रुत जव...
तेरे बारे मैं पढ़ा था जिसमें क्या यह वोही है अखबार? तेरे बारे मैं पढ़ा था जिसमें क्या यह वोही है अखबार?