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कैसे कहूॅ उनसे कि यहाॅ जो कुछ होता है, हर बात के पीछे को वजह नहीं होती। कैसे कहूॅ उनसे कि यहाॅ जो कुछ होता है, हर बात के पीछे को वजह नहीं होती।
”तो ज़रा आराम से चलाओ न? और मुझे घूरने के बज़ाय अपनी नज़रें सड़क पर ही रखो ”तो ज़रा आराम से चलाओ न? और मुझे घूरने के बज़ाय अपनी नज़रें सड़क पर ही रखो
रूहें अपनी आपबीती दुनिया को बताने के लिए बार-बार लौट कर आती हैं। रूहें अपनी आपबीती दुनिया को बताने के लिए बार-बार लौट कर आती हैं।